Search This Blog

Saturday 16 May 2020

लॉक डाउन और द्वारका पुलिस

*लॉक डाउन और द्वारका पुलिस*
22 तारीख से ही सुबह बीट वाले,श्री वीरेंद्र और कप्तान  की हूटर की आवाज एक आदत सी बन गई है। दिन भर कितनी बार बीट वाले  चक्कर लगाते रहे। माइक लेकर समझाते रहे कि  लोग कोरोना से बचे और घर पर रहे। डी एम श्री राहुल सिंह जी श्री अन्टो अल्फोन्स ,डीसीपी द्वारका पुलिस भी रह रह कर कोरोना संबंधी अपडेट देते रहते है। एक नया संबंध प्रशासन और जनता के बीच  उभर कर आया। पुलिस समेत द्वारका में जनता ने भी इस बारे में अच्छी पहल की।  इस्कॉन ,दिल्ली सरकार, छोटी सी खुशी, द्वारका फोरम, द्वारका फेडरेशन, अनहद ,ट्रेवल्स, आर एस एस , एक मुठ्ठी ट्रस्ट और द्वारका पुलिस के मनीष मधुकर डीसीपी आफिस के , डीसीपी श्री अन्टोअल्फोन्स अतिरिक्त अतिरिक्त डीसीपी श्री मीणा जी एसीपी श्री राजेन्द्र सिंह  ,एसीपी एवं सभी एस एच ओ राशन और खाना बांटने  में लगे रहे। इस सब के बीच एक  दिन राशन बांटने के संदर्भ में श्री संजय जी एस एच ओ द्वारका नार्थ ने अच्छी बात कही कि" राशन वितरण के लिए उतावलापन ठीक नही। कहाँ कितना देना है, किसको देना है, इसका भी ख्याल रखना है।" आरम्भ में भावना बलवती होती है। धीमे धीमे कुछ लोग ही रह जाते है। भोजन और सामग्री देने वाले। कुछ अलग भी होता हुआ ।  हमारी पॉकेट में एक बुजुर्ग महिला ने पीसीआर बुला ली कि उनके पास जो पंखा है,खराब हो गया। गर्मी बढ़ गई है , पंखा चाहिए। बीट के श्री कप्तान सिंह , लग गए मदद के लिए। यहाँ तक भी पुलिस ने मदद करने की कोशिश की। ये सब द्वारका में होता रहा। बुजुर्ग लोगों के यहां भी पुलिस गई। ये सब इसलिए कि हम लोग कोरोना से बचे। हमारी पॉकेट स्टूडियो अपार्टमेंट की RWA और रेडिडेंट्स ने सुबह 7 बजे से रात्रि 1 बजे तक गेट पर तन्मयता से ड्यूटी दी। इस दौरान बाहर से आने वालों से जूझते रहे। ये भी एक बड़ा कदम रहा। नेता भी लगे रहे। सबका नाम मैं जनता ,कोई भूल हो तो , क्षमा करें। ये सब द्वारका को सुरक्षित रखने के लिए।  वैसे BSES ,MCD को भी नही भूल सकते है।पॉकेट के गार्ड, सफाई वाले, फ़ूड सप्लाई वाले भी लगे है। डीसीपी और अन्य बड़े अधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी लोगों से मिले ,ये भी होता रहा द्वारका के भीतर। खाना बांटने में छोटी सी खुशी का काम अलग रहा। श्रीमती नामिता  चौधरी बताया कि उन्होंने 50 वालंटियर चुने और सभी ने अपने खाने के साथ एक खाना अतिरिक्त बनवा लिए। प्रतिदिन गार्ड रूम से उनके वर्कर्स खाना लेकर उपयुक्त जगह खाना बांट आते थे। ये भी अलग प्रयोग रहा। श्रीमती माधुरी वर्षांय ने दिल्ली सरकार के माध्यम से राशन, खाना आदि बांटने में बहुत मेहनत कर रही।है।डीसीपी आफिस में कार्यरत श्री मनीष मधुकर जी जो द्वारका पुलिस द्वारा विभिन्न इवेंट्स करवाने में हमेशा दिख पड़ते है। द्वारका जिले बेस्ट सिक्योर्ड सोसाइटी, शतप्रतिशत वेरिफिकेशन , परख ऐप , कम्युनिटी पोलिसिंग में उनका रोल अहम रहा, कम्युनिटी पोलिसिंग व्हीकल, सामुदायिक कियोस्क सेक्टर 10 मार्किट, मेगा रन जैसे द्वारका पुलिस के विभिन्न कार्यो में  सबसे आगे दिखाई देते रहे। अभी कोरोना संकट में भी इन्होंने राशन एवं कम्युनिटी किचन में भी दिखाई पड़े। इन सब कामों में उनके ऊपर डीसीपी श्री अन्टो अल्फोन्स जी प्रोत्साहन रहा। श्रीमती सुधा सिन्हा ने भी डी एम श्री राहुल सिंह एवं डीसीपी द्वारका पुलिस से समय समय पर इंटरव्यू लेकर द्वारका की जनता को जागरूक किया। श्री राजेन्द सिंह एसीपी द्वारका रेसिडेंट्स के जबाव भी बखूबी देते रहे और उपयुक्त जानकारी भी देते रहे। इसके बीच श्री राज दत्त गहलोत उप महापौर अपने हाथ से विभिन्न कॉलोनियों को सैनिटाइज करते दिखे,ये भी नज़ारा अलग ही था। 
*विशेष* सबसे अधिक योगदान मेडिकल स्टाफ का रहा। जो सीधे ही इस संकट से जूझ रहे है। उन सबको तो सलाम करना ही है। लेकिन लोगों की अज्ञानता की बात जरूर करूँगा। हमारे पॉकेट में दो नर्स जो वेंटेश्वर हॉस्पिटल में है, उंनको क्वारंटाइन किया गया। कुछ लोगों को लगा। ये तो कोरोना पोसिटिव है। ये बहुत ही मूर्खतापूर्ण बात थी।हमने उंनको समझाया कि अपने मन से कुछ भी बात करनी ,हमेशा घातक परिणाम को जन्म देती है। मेरा खुद का HIV AIDS के लोगों के साथ काम करके अनुभव हुए। कुछ लोग मुझे भी बोल देते थे कि तू तो इनके साथ काम करता है, तुझे दूर रहना चाहिए। ये मुझे अभी अनुभव हुआ। अगर किसी के घर या पड़ोस में भी पॉजिटिव निकल जाए तो पैनिक नही होना। उसका सामना करना है। जो भी जानकारी और सावधानी है,उसके अनुसार ही करना है।वायरस केवल वायरस होता है, उसका धर्म, जात, क्षेत्र आदि कुछ नही होता। बस सबसे पहला और अंतिम सत्य है, उससे दूर रहना। अचरज की बात है, कुछ लोग इस बात को समझते ही नही, उंनको इस संकट में भी केवल अपने आनंद और इधर उधर जाने का उतावलापन होता है। उनका कहना है कि उंनको कुछ नही होगा। जबकि दिन रात WHO समेत सरकार प्रचार कर रही है कि किसी को संक्रमण हो जाये ,तो उसको क्षति न  भी हो लेकिन वो फैला सकता है। इसको आने ही नही देना है।  इस बात की गांठ मार लो। सावधानी हटी दुर्घटना घटी।
इस बीच एक अविश्वसनीय घटना पूरे विश्व में लोग देख रहे है। आजकल नीला आकाश इस बात का पुख्ता सबूत है कि पर्यावरण मूल रूप में स्वछ ही रहता है। ये हमारे विकास के गलत मॉडल का परिणाम है। साफ हवा का आनंद हम सब ले रहे है। बिना किसी आंदोलन और प्रोटेस्ट के भी सब कुछ स्वछ हो चुका है। पेड़ों के पत्ते भी साफ और चमकीले दीख पड़ते है।दूर तक साफ दिखाई पड़ रहा है। ये अद्भुत नजारा दशकों बाद देखने को रहा है। ये एक नया आयाम दुनियां को देगा और एक रिफरेन्स की तरह इसका इस्तेमाल करना होगा।
इस पोस्ट को 6 मई  को लिख लिया था। लेकिन पोस्ट आज कर रहा हूँ। आगे विस्तार से लिखूंगा।
रमेश मुमुक्षु
9810610400
16.5.2020