कृष्णजन्मष्टमी 2020 ऐसे भी मनाई जा सकती है।
"सेस महेस, गनेस, दिनेस, सुरेसहु जाहिं निरन्तर गावैं
जाहि अनादि, अनन्त अखंड, अछेद, अभेद सुवेद बतावैं
नारद से सुक व्यास रटैं, पचि हारे तऊ पुनि पार न पावैं
ताहि अहीर की छोहरियाँ छछिया भर छाछ पे नाच नचावैं " :रसखान द्वारा रचित काव्यपंक्ति श्री कृष्ण के होने का पूरा विवरण प्रस्तुत करती है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण ,रास लीला, झूला, डीजे, टेंट, बच्चों के नृत्य और मंदिर में भीड़ न हो ऐसा ही हम सबको करना है। लेकिन कुछ अतिउत्साही होते है, जिन्हें केवल हांडी फोड़ जैसे कार्यक्रम करने ही है। उनसे भी आग्रह है कि कृष्ण लीला को घर बैठकर भी किया जा सकता है। सूरदास की काव्यपंक्तियों का आनंद ले:
मैया! मैं नहिं माखन खायो।
ख्याल परै ये सखा सबै मिलि मेरैं मुख लपटायो॥
मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायो।
मो सों कहत मोल को लीन्हों तू जसुमति कब जायो॥
कबहुं चितै प्रतिबिंब खंभ मैं लोनी लिए खवावत॥
दुरि देखति जसुमति यह लीला हरष आनंद बढ़ावत।
सूरदास के पदों का आनंद ले ,उनके बारें में कहां जाता है कि वो सबसे महान कवि थे ।
"सूर सुर तुलसी शशि ।,उडगन केशव दास।
अबके कवि खद्योत सम ,जहँ तहँ करहिं प्रकाश ।।"
इस बार सोशल डिस्टेंस, मंदिर में भीड़ न हो, सुरिक्षत रहे और औरों को भी होने दें। हमें नही भूलना है कि कल 60000 कोरोना के केस आएं है। भले लोगों की मरने की संख्या कम है, लेकिन मर ही रहे है। ऐसे में बहुत हर्षोउल्लास न करके उन सभी जो कोरोना के कारण हम सब से दूर हो गए। उस सभी जो कोरोना की जंग में हम मृत्यु को प्राप्त हुए। इस पावन दिवस हम उन सब को भी याद करें। कान्हा को घर बैठकर कर भी याद किया जा सकता है। कभी किसी ने सपने में भी नही सोचा था कि स्कूल बंद होंगे, मेट्रो बंद हो सकती है, कोर्ट, रेल ,हवाई जहाज, सिनेमा हॉल और सभी मनोरंजन बन्द है। इसलिए गृह मंत्रालय के निर्देश का पालन करें।
इस बार मथुरा ,वृंदावन भी शांत है, जैसा माहौल हो ,उसके अनुसार ही व्यवहार करना , उचित होता है।
आओ सभी मिलकर कोरोना के विरुद्ध खड़े हो और शीघ्र ही सब सामान्य हो इसके लिए आगे बड़े।
गोपियों की तरह कान्हा को दूर से स्मरण करें और पढ़े ऊधव गोपियाँ संवाद :
"ऊधौ मन ना भये दस-बीस
एक हुतो सो गयौ स्याम संग, कौ आराधे ईस ।"
राधे कॄष्ण राधे कृष्ण
रमेश मुमुक्षु
अध्यक्ष हिमाल
9810610400
11.8.2020
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